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Sunday, November 24, 2024

प्रदूषण का असर बच्चों के ईएनटी स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा

प्रदूषण का असर बच्चों के ईएनटी स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा

बढ़ता प्रदूषण बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है, खासकर उनके कान, नाक और गले (ईएनटी) के लिए। कमजोर इम्यून सिस्टम और प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने से बच्चों में ईएनटी से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।


प्रदूषित हवा में मौजूद पीएम 2.5, नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर डाईऑक्साइड जैसे हानिकारक कण बच्चों की नाक और गले की नाजुक मेम्ब्रेन को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे बच्चों में बार- बार छींक आना, नाक बंद होना, गले में खराश, और खांसी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, कानों में यूस्टेकियन ट्यूब की गड़बड़ी के कारण बार-बार कान के संक्रमण होते हैं, जिससे बच्चों के सुनने और बोलने के विकास पर बुरा असर पड़ता है।


डॉ. आशीष भूषण, सीनियर कंसल्टेंट, ईएनटी विभाग, यथार्थ हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा, ने बताया, + प्रदूषण के कारण बच्चों में एलर्जिक राइनाइटिस, साइनस इंफेक्शन और कान के संक्रमण जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। इन समस्याओं का प्रभाव बच्चों के स्वास्थ्य और उनकी पढ़ाई दोनों पर पड़ता है। प्रदूषण से बचाव और समय पर इलाज इन खतरों को काफी हद तक कम कर सकते हैं।


उत्तर भारत के शहरों में सर्दियों के दौरान हवा बेहद खराब हो जाती है। पराली जलाने, वाहनों के धुएं और फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर जैसे क्षेत्रों में ईएनटी से जुड़ी समस्याओं में बहुत ज्यादा बढ़त हो रही है। कई स्कूलों में बच्चों की अनुपस्थिति बढ़ रही है क्योंकि वे सांस की तकलीफ, गले की खराश और कान में दर्द जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। बच्चों को प्रदूषण के खतरों से बचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए। हाई पॉल्यूशन दिनों में बच्चों को घर के अंदर रखना सबसे सुरक्षित उपाय है।


घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और साफ-सफाई का ध्यान दें। बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाया जाए और पोषण भरा खाना दें ताकि उनकी इम्यूनिटी मजबूत बनी रहे। अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो अच्छी क्वालिटी के मास्क पहनना सुनिश्चित करें। किसी भी प्रकार के लक्षण जैसे लगातार खांसी, सांस लेने में दिक्कत या कान में दर्द दिखने पर तुरंत ईएनटी डॉक्टर से संपर्क करें।

प्रदूषण के बढ़ते खतरों को रोकने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास दोनों जरूरी हैं । साफ-सुथरे और सुरक्षित वातावरण की दिशा में कदम उठाना न केवल बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि उनके उज्जवल भविष्य की गारंटी भी है। सही जागरूकता और उपायों के जरिए हम अपने बच्चों को प्रदूषण के प्रभावों से बचा सकते हैं और उन्हें एक स्वस्थ जीवन दे सकते हैं ।