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Saturday, May 3, 2025

रीढ़ की सर्जरी का डर अब बीते जमाने की बात

रीढ़ की सर्जरी का डर अब बीते जमाने की बात

आगरा:रीढ़ की सर्जरी को लेकर लंबे समय से लोगों के मन में डर बना रहा है। आम धारणा यह रही है कि यह एक जोखिम भरी प्रक्रिया है, जो दीर्घकालिक जटिलताओं या यहां तक कि लकवे जैसी स्थितियों का कारण बन सकती है। हालांकि, आज के दौर में यह सोच पूरी तरह बदल चुकी है। आधुनिक चिकित्सा तकनीक, प्रशिक्षण और नई सर्जिकल तकनीकों के चलते रीढ़ की सर्जरी अब कहीं अधिक सुरक्षित, प्रभावी और कम इनवेसिव हो गई है।


पहले के समय में रीढ़ की सर्जरी के लिए बड़े चीरे लगाने पड़ते थे, जिससे अत्यधिक रक्तस्राव और लंबी रिकवरी का सामना करना पड़ता था। सर्जरी के परिणाम भी अनिश्चित रहते थे और नर्व डैमेज जैसी जटिलताओं का खतरा अधिक होता था। लेकिन आज के आधुनिक स्पाइन सर्जन विशेष उपकरणों और कैमरों की मदद से केवल 1 सेंटीमीटर तक के छोटे चीरे के जरिये सर्जरी करते हैं।


इन्हें मिनिमली इनवेसिव प्रक्रियाएं कहा जाता है, जो आसपास की मांसपेशियों और टिशूस को सुरक्षित रखती हैं। इसका नतीजा कम दर्द और तेज़ रिकवरी के रूप में सामने आता है। अधिकांश मरीज सर्जरी के अगले ही दिन खड़े होकर चलने-फिरने लगते हैं और जल्दी सामान्य जीवन में लौट आते हैं। 


मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, नोएडा के स्पाइन सर्जरी विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. प्रमोद सैनी ने बताया कि “तकनीकी विकास के चलते आज स्पाइन सर्जरी में स्मार्ट उपकरणों का उपयोग हो रहा है, जिससे सर्जरी न केवल सुरक्षित हुई है बल्कि परिणाम भी अधिक सटीक हो गए हैं। रियल-टाइम नेविगेशन और नर्व मॉनिटरिंग जैसी प्रणालियां सर्जरी के दौरान सर्जन का मार्गदर्शन करती हैं और नर्व की निगरानी भी करती हैं, जिससे सर्जरी से जुड़ी जटिलताओं का जोखिम काफी हद तक कम हो गया है। इसके अलावा, रोबोटिक प्रणालियां भी अब ऑपरेशन थिएटरों में आम होती जा रही हैं, जो जटिल स्पाइन सर्जरी जैसे कि स्पाइनल फ्यूजन में छोटे और अधिक सटीक मूवमेंट्स के जरिये बेहतर परिणाम देती हैं।“


डॉ. सैनी ने आगे बताया कि “स्पाइन सर्जरी के क्षेत्र में विशेषज्ञता का भी बड़ा योगदान है। पहले सामान्य आर्थोपेडिक या न्यूरोसर्जन, जो रीढ़ से संबंधित विशेष प्रशिक्षण प्राप्त नहीं करते थे, स्पाइन सर्जरी करते थे। लेकिन अब अधिकांश स्पाइन सर्जरी वे सर्जन कर रहे हैं, जिन्होंने स्पाइन के रोगों और सर्जरी में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है। ये विशेषज्ञ रीढ़ की बारीक एनाटॉमी और विभिन्न स्थितियों की गहन समझ रखते हैं और वैश्विक मानकों एवं नवीनतम क्लिनिकल गाइडलाइंस का पालन करते हैं, जिससे इलाज और भी सुरक्षित और प्रभावी बन गया है।“


आज रीढ़ की सर्जरी को अंतिम विकल्प नहीं माना जाता, बल्कि यह एक व्यावहारिक और कारगर समाधान बन चुकी है। लंबे समय से पीठ दर्द, डिस्क की समस्या, रीढ़ की विकृति या अस्थिरता जैसी स्थितियों से जूझ रहे मरीजों के लिए आधुनिक स्पाइन सर्जरी जीवन बदलने वाला उपचार साबित हो रही है। सफलता दर ऐतिहासिक उच्च स्तर पर है, जोखिम न्यूनतम हैं, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मरीज सर्जरी के बाद फिर से दर्दमुक्त और सक्रिय जीवन जीने में सक्षम हो रहे हैं।