ज्यादातर लोग जंक फूड के शौकीन होते हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि ये हाई कैलोरी वाले फूड्स आपके मस्तिष्क के कार्य पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं?
आज की भाड़ दौड़ भरी जिंदगी में, जंक फूड्स का सेवन करना आम बात हो गई है. छोटा हो या बड़ा हर किसी को इसका स्वाद अच्छा लगता है. हाई कैलोरी वाले ये जंक फूड्स स्वाद में तो लाजवाब होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनका हमारे ब्रेन फंक्शन पर कितना गहरा असर पड़ता है?
आइए डॉ. आदित्य गुप्ता (डायरेक्टर-न्यूरोसर्जरी और साइबरनाइफ , अर्टेमिस हॉस्पिटल गुरुग्राम) से जानते हैं कि हाई कैलोरी जंक फूड्स खाने से ब्रेन फंक्शन क्या असर पड़ता है.
जंक फूड्स वे खाद्य पदार्थ होते हैं जो तली हुई, प्रोसेस्ड और अत्यधिक चीनी व नमक से भरपूर होते हैं. इनमें बर्गर, पिज्जा, चिप्स, चॉकलेट, और सॉफ्ट ड्रिंक्स जैसे आइटम्स शामिल हैं. ये खाद्य पदार्थ तुरंत भूख मिटाने और स्वाद में मज़ा देने के लिए जाने जाते हैं. हालांकि ये सेहत के लिहाज से खतरनाक हो सकते हैं.
हाई कैलोरी जंक फूड्स और ब्रेन फंक्शन-मेमोरी पर असर: हाई कैलोरी जंक फूड्स में ट्रांस फैट्स और सैचुरेटेड फैट्स अधिक मात्रा में होती है. ये फैट्स ब्रेन की मेमोरी और लर्निंग कैपेसिटी को कम कर सकते हैं. रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग अधिक जंक फूड्स का सेवन करते हैं, उनकी याददाश्त कमजोर हो सकती है.
मूड स्विंग्स: जंक फूड्स में चीनी और सॉल्ट की अधिकता होती है, जो डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर पर असर डालती है. इससे मूड स्विंग्स, एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
कॉग्निटिव फंक्शन में गिरावट: जंक फूड्स में पोषक तत्वों की कमी होती है. इनमें विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स की कमी के कारण ब्रेन के कॉग्निटिव फंक्शन में गिरावट आ सकती है. इससे सोचने-समझने की शक्ति कम हो सकती है.
ओवरइटिंग की आदत: जंक फूड्स खाने से ब्रेन में एक केमिकल इम्बैलेंस पैदा हो सकता है, जिससे भूख को कंट्रोल करने में परेशानी होती है. इससे ओवरइटिंग की आदत लग जाती है, जो ओबेसिटी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है.
इसका सॉल्यूशन क्या है ?
1. हेल्दी डाइट: ब्रेन फंक्शन को बेहतर बनाने के लिए ताजे फल, सब्जियां, नट्स और होल ग्रेन्स को अपने आहार में शामिल करें।
2. हाइड्रेशन: पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि ब्रेन हाइड्रेटेड रहे और उसकी कार्यक्षमता में सुधार ह।
3. नियमित व्यायाम: एक्सरसाइज से ब्रेन में ब्लड फ्लो बेहतर होता है, जो मूड और ब्रेन फंक्शनिंग में सुधार करता है।.
4.प्रॉपर स्लीप: सही नींद से ब्रेन को आराम मिलता है, जिससे वह बेहतर तरीके से काम कर पाता है।
क्या हैं जंक फूड्स?
डॉ. आदित्य गुप्ता बताते हैं कि जंक फूड्स ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं, जो तले हुए, प्रोसेस्ड और अत्यधिक चीनी व नमक से भरपूर होते हैं। इनमें बर्गर, पिज्जा, चिप्स, चॉकलेट और सॉफ्ट ड्रिंक्स जैसे आइटम्स शामिल हैं। ये खाद्य पदार्थ भूख मिटाने और स्वाद के लिए तो अच्छे होते हैं, लेकिन सेहत के लिहाज से खतरनाक साबित हो सकते हैं।
हाई कैलोरी जंक फूड्स और ब्रेन फंक्शन पर असर:
मेमोरी पर असर: जंक फूड्स में ट्रांस फैट्स और सैचुरेटेड फैट्स की अधिक मात्रा पाई जाती है, जो ब्रेन की मेमोरी और लर्निंग कैपेसिटी को कमजोर कर सकती है। रिसर्च से पता चला है कि अधिक जंक फूड्स का सेवन याददाश्त को कमजोर बना सकता है।
मूड स्विंग्स: चीनी और नमक की अधिकता वाले जंक फूड्स, ब्रेन के डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर पर असर डालते हैं। इससे मूड स्विंग्स, एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कॉग्निटिव फंक्शन में गिरावट: जंक फूड्स में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स की कमी होती है, जो ब्रेन के कॉग्निटिव फंक्शन को कमजोर कर सकती है, जिससे सोचने-समझने की शक्ति घट सकती है।
ओवरईटिंग की आदत: जंक फूड्स के कारण ब्रेन में केमिकल इम्बैलेंस हो सकता है, जिससे भूख नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। इससे ओवरईटिंग की आदत लग सकती है, जो मोटापे और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।
हाई कैलोरी जंक फूड्स का ब्रेन फंक्शन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसलिए, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना और सही खान-पान पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। इससे न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।